विश्वास (BELIEF)
हम इंसान वही काम कर सकते है जिस काम पर हमारा विश्वास हो
जाए. चाहे अंध विश्वास ही क्यों न हो. दोस्तों हमारा माइंड हमारे शरीर का बॉस होता
है. और हमारे शरीर को माइंड ने दिए हुए हर आदेश का पालन करना अनिवार्य होता है.
चाहे यह आदेश उसे तरक्की की ओर ले जाए या फिर उसको विनाश की ओर धकेल दे . वास्तव मे हमारा शरीर
हमारे माइंड का गुलाम होता है. शरीर का कंट्रोल माइंड के पास होता है. हमारा शरीर
एक भौतिक मशीन की तरह होता है. जब तक इस मशीन का स्टार्ट बटन दबेगा नहीं तब तक यह
शरीर मूवमेंट नहीं करता है. और बटन दब जाए तो रुक भी नहीं सकता है.
माइंड की इस थ्योरी समझना बहुत जरुरी है दोस्तों. जो इंसान
माइंड की थ्योरी समझ जाए वह व्यक्ति अपने माइंड से वही आदेश निकलवा सकता है जो उसे
तरक्की की ओर ले जाए. दरअसल माइंड के दो लेवल होते है. ऊपर वाले लेवल को हम कांशस
माइंड कहते और नीचे के लेवल को हम सबकांशस माइंड कहते है. कांशस माइंड बाहर से
मिली सूचनाओं को स्वीकार भी कर सकता है और उसे नकार भी सकता है. मतलब सूचनाओं का
चयन कर सकता है और शरीर को माइंड के आदेश
के मुताबिक काम करना होता है.
सबकांशस माइंड को चयन करने का पावर नहीं होता है और यदि
किसी भी कारण से सूचनाएं सबकांशस माइंड मे आयी तो फिर उसे नकार करने का अधिकार भी
उसके पास नहीं होता है. और फिर माइंड उसी प्रकार का आदेश अपने शरीर को भेजता है . और
शरीर को मिले हुए आदेश का पालन करना होता है.
लेकिन सबकांशस माइंड मे सूचनाएं प्रवेश करना आसान नहीं होती.
माइंड का यह एरिया RESTRICTED ZONE होता है. लगभग सभी सूचनाएं कांशस माइंड से ही या
तो स्वीकार की जाती है या फिर नकार दी जाती है. कोई है मौजूद जो सूचनाएं सबकांशस
माइंड तक पहुचने ही नहीं देता है . इसे विश्वास (बिलीफ) कहते है. जब तक बिलीफ मान
न जाए सूचनाएं सबकांशस माइंड मे पहुँच नहीं सकती है. लेकिन एक बार बिलीफ मान गया तो
फिर सूचनाएं सबकांशस माइंड मे प्रवेश कर लेती है . फिर सबकांशस माइंड शरीर को आदेश
देता है . और शरीर आदेश का पालन करता है चाहे शरीर कितनी भी पीड़ा क्यों न सहनी पड़े.
यदि हमें कोई साहसी कार्य करना है, विलक्षण कार्य करना है ,
बड़े और कठिन कार्य करने है तो हमारे बिलीफ को मनवाए बगैर मुमकिन नहीं है . इस
बिलीफ को तोड़ना या मनवाना आसान नहीं होता है. लेकिन एक बार जो इस बिलीफ को तोड़ मे
कामयाब हो गए वे महान कहलाते है.
भगवान ने इंसान को इस सृष्टि मे तरक्की करने भेजा है. इस सृष्टि
की तरक्की विलक्षण
कार्य, बड़े कार्य किए बगैर संभव नहीं है. इसलिए भगवान ने हमें इस बिलीफ को तोड़ने के लिए दो ताकतवर हथियार दिए है. पहला
कल्पनाशक्ति और दूसरा ज्ञान . यदि इंसान इन दोनों हथियारों का सही इस्तेमाल करे और
बार बार करे तो बिलीफ को तोडना आसान हो जाता है. एक बार बिलीफ को तोड़ दिया जाए तो
विलक्षण, बड़ी, साहसी सूचनाए सबकांशस माइंड मे प्रवेश कर लेती है . और इन सूचनाओं
को कार्यान्वित करने के आदेश सबकांशस माइंड शरीर को दे देता है . और फिर इतिहास
रचा जाता है. बड़े बड़े संशोधन किये जाते है . इंसान चाँद और मंगल तक पहुच जाता है.
इसलिए यदि हमें बड़े कार्यों मे सफलता हासिल करनी है,
एमडीआरटी टीओटी सीओटी करना है तो पहले माइंड थ्योरी को समझ लेना बहुत जरुरी है
दोस्तों. मुझे लगता आपको यह बात समझ गयी होंगी. तो चलो हम हमारा मिशन ए शिखर कामयाब करे.
धन्यावाद.
अशोक सोनकुसले,
विकास अधिकारी.
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