LIC’S EMPLOYER EMPLOYEE SCHEME is a Welfare Scheme to take care of Employees & retain them.LIC’S EES Scheme, It’s a Time to Reward Employees. LIC’S EMPLOYER EMPLOYEE SCHEME IS A BONANZA FOR CORPORATE SECTOR! When person dies there will be a three deaths. Husbands dies, Father dies, and Income dies. First two are not replaceable but third one can be safeguarded. जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो तीन की मृत्यु होती है. पति, पिता और आय. पहले दो को वापस नहीं लाया जा सकता है.लेकिन तीसरे को हम लाइफ इन्सुरंस से सुरक्षित कर सकते है.

Thursday, 13 December 2018

"एक पुत्र को गोद ले"


"एक पुत्र को गोद ले"



यदि आपके  एक से अधिक पुत्र होते  तो आप उनका  लालन पालन करते या नहीं?  जरूर करते ।

आईये दोनों पुत्रो के लालन पालन में होने वाले खर्च को समझते है।

धर्य से पढे, यह बात  आपके जीवन के लिए वरदान साबित हो सकती है।

मान लीजिये कि हम पहले पुत्र पर 5000 रू प्रति माह का खर्च कर रहे है जो प्रति वर्ष 20% की दर से बढ़ रहा है। 19 से 23 की उम्र में उच्च शिक्षा पर खर्च आएगा और 25 की उम्र में शादी विवाह में भी खर्च होगा।

मान लेते है कि आज की दर से शिक्षा का खर्च 12-15 लाख है और शादी पर भी इतना ही खर्च है। यह भी मान लेते है कि 8 साल में खर्च डबल हो रहा है। इस दर से शिक्षा और शादी में लगभग 70 लाख और 1 करोड़ का खर्च आएगा।

इतना सब करते करते आप बुढ़े हो जायेंगे।

अब दूसरा  पुत्र जिसका नाम है एलआयसी पॉलिसी. यह पुत्र अपने लिए नहीं बल्कि सिर्फ आपके लिए बढ़ रहा है, आपके परिवार के लिए बढ़ रहा है.।  प्रति वर्ष  8% की दर से 25 वर्षो में यह बढ़ कर 5 कऱोड़ 70 लाख हो जायेगा । इस पुत्र की शिक्षा शादी का इसका अपना कोई खर्च नहीं होता । इसका मूल कर्तव्य है आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा करना.


यह पुत्र भाई की शादी के समय कहता है.... पिता जी आप चिंता मत करो। खर्च के लिए  1 कऱोड़ मुझसे ले लो। आपकी चिंता हल हुई और आपने उसे गले लगा लिया।

शादी के बाद भाई अपनी पत्नी के साथ अपने जीवन में रम गया। ना पिता ने उससे कुछ माँगा ना उसने कुछ दिया। लेकिन LIC ने कहा...  पिता जी ... आप बूढ़े हो गए है...  आप आराम से रहे. आपने मुझे 25 सालो तक पाला है। अब मेरी बारी है कि मैं आपके लिए कुछ करू।

मै  आपको जीवन भर 3 लाख रुपया प्रति माह देता रहूँगा। आप आराम से अपने लिए गाडी ड्राईवर रखे, माँ के आराम के लिए नौकर चाकर रखे,  तीर्थ यात्रा करे और जो जी चाहे खर्च करे। बिमारी इत्यादि किसी भी बड़े खर्च में मुझे याद करे। मैं हमेशा आपकी सेवा करके कृतज्ञ रहूँगा।

दोस्तों कैसा लगेगा इस दूसरे पुत्र का लालन पालन करके।

निश्चित तौर पर आपको बहुत अच्छा लगेगा।
अशोक सोनकुसले 

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